School Prayer

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Saraswati Vandana

No GOD.... NO PEACE....
KNOW GOD.... KNOW PEACE....

May Goddess Saraswati, who is fair like the Jasmine coloured moon and whose pure white garland is like frosty dew drops, who is adorned in radiant white clothes and on whose beautiful palm and arm rest the Veena, whose throne in a white lotus, and who is surrounded and respected by Gods beginning with Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Mahesh, protect me. I beseech her to totally remove my laziness, sluggishness and ignorance.

दया कर दान भक्ति हमें परमात्मा देना

दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।।
हमारे ध्यान में आओ,
प्रभु आँखो में बस जाओ।
अंधेरे दिल में आकर के
परम ज्योति जगा देना दया कर.........||
बहा दो प्रेम की गंगा दिलों में प्रेम का सागर।
हमें आपस में मिलजुल कर प्रभु रहना सिखा देना ।।
हमारा कर्म हो सेवा,
हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा,
व सेवक घर बना देना ।।
दया कर....||
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पा जॉ फिदा करना, प्रभु हमको सिखा देना
दया कर...||

प्रार्थना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
दूर अज्ञान के हो अँधेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे हर बुराई से बचके रहें हम जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे बैर हो ना किसी का किसी से भावना मन में बदले की हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हम न सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें क्या किया है अर्पण फूल खुशियों के बांटें सभी को सबका जीवन ही बन जाए मधुवन ओ.. अपनी करुणा को जल तू बहा के कर दे पावन हर एक मन का कोना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हम अँधेरे में हैं रोशनी दे खो ना दे खुद हो ही दुश्मनी से हम सज़ा पायें अपने किए की मौत भी हो तो सह ले ख़ुशी से कल जो गुज़ारा है फिर से ना गुज़रे आने वाला वो कल ऐसा हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा-सहमा सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना||

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
हाँ, विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
तुम्ही से है आगाज़ तुम्हीं से अंजाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
हाँ, इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
तुम्हीं से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु |
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु |
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

ऐ मालिक तेरे बंदे हम

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम....
ऐसे हों हमारे करम.....
नेकी पर चले और बदी से ले,......
ताकी हँसते हुए निकले दम.......
ऐ मालिक तेरे बंदे हम.......
ये अंधेरा घना छा रहा,
तेरा इंसान घबरा रहा।
हो रहा बेख़बर,
कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छिपा जा रहा।
है तेरी रोशनी में जो दम,
वो अमावस को कर दे पूनम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुए निकले दम।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम..........
बड़ा कमज़ोर है आदमी,
अभी लाखों हैं इस में कमी।
पर तू जो खड़ा,
है दयालु बड़ा,
तेरी कृपा से धरती थमी।
दिया तूने हमें जब जनम,
तू ही ले लेगा हम सब के ग़म।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुए निकले दम।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम........
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना।
वो बुराई करें,
हम भलाई करे,
न ही बदले की हो भावना।
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम।
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुये निकले दम।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम......

जन गण मन

जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे, गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।